डॉ. हाथी के निधन से सदमे में दयाबेन और जेठालाल

Tue 10-Jul-2018 3:29 pm
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मुझे यकीन नहीं हो रहा, मेरे लाफिंग बुद्धा नहीं रहे - जेठालाल

मुंबई: 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में डॉ. हाथी के किरदार से घर-घर में फेमस हो चुके कलाकार कवि कुमार आजाद अब इस दुनिया में नहीं रहे। आइए, जानें उनके को-स्टार्स क्या कह रहे हैं।

वह हमारे सेट के लाफिंग बुद्धा थे - जेठालाल
दिलीप जोशी यानी जेठालाल चंपकलाल गढ़ा ने कहा--'मैं खबर सुनकर शॉक्ड हूं और यह बहुत बुरी खबर है। मुझे इस बारे में अपने टीम के साथियों से पता चला। मैं इस वक्त परिवार के साथ लंदन में हूं और बहीं शूटिंग कर रहा हूँ। मुझे अभी भी यकीन नहीं हो रहा कि वह इस दुनिया में नहीं हैं।' कवि कुमार को याद करते हुए दिलीप बताते हैं,  वह बहुत अच्छे सहकलाकर थे और खुशमिजाज इंसान थे। वह हमेशा बहुत सकारात्मक रहते थे और सेट्स पर सबको खुश रखते थे। कुछ भी परेशानी हो पर वह शूट मिस नहीं करते थे। वह हमारे सेट के लाफिंग बुद्धा थे।

वह टीम की आत्मा थे - कोमल
शो में डॉ. हाथी की पत्नी की भूमिका निभानेवाली ऐक्ट्रेस कोमल हाथी यानी अम्बिका रंजनकर ने कहा -- 'वह मल्टि टैलंटेड और पॉज़िटिव पर्सन थे, वह टीम की आत्मा थे। मुझे अब भी यकीन नहीं हो रहा है कि वह अब नहीं रहे।

वह मेरे लिए गुलाब जामुन लाए थे - दया बेन
कवि कुमार आज़ाद के निधन पर दिशा वकानी यानी जेठालाल की पत्नी का किरदार निभाने वाली दया बेन ने कहा -- ' मुझे अभी भी यकीन नहीं हो रहा है कि वह अब हमारे बीच नहीं हैं। यह बेहद शॉकिंग है। वह बहुत ही उम्दा इंसान थे। दिशा वकानी इन दिनों छुट्टी पर चल रही हैं इमोशनल हो गईं और याद करते हुए बताया कि कैसे हॉ. हाथी को खाना खासकर आलू बेहद पसंद थे। वह असल ज़िंदगी में भी वैसे ही थे, जैसे ऑन-स्क्रीन दिखते थे। उन्हें खाना और खिलाना बहुत पसंद था। मुझे अभी भी याद है कि प्रेग्नेंसी के दौरान वह मेरे लिए गुलाब जामुन लाए थे।

उन्होंने कुछ भी अधूरा नहीं छोड़ा - भिड़े
आत्मा राम भिड़े यानी मंदार चांडवड़कर ने कहा-- 'यह हैरान कर देने वाली खबर है। आज सुबह हम फिल्म सिटी में सीरियल के एक सीक्वेंस के लिए शूट करने वाले थे। तभी हमें पता चला कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है, इसलिए हमने तय किया कि उन्हें आराम करने देंगे और हम उनके बिना सीक्वेंस शूट करेंगे। मैं बस यही कहूंगा कि उन्होंने हमें छोड़कर जाने से पहले अपना सारा काम पूरा कर लिया। यह एक नया सीन था, जो हम शूट करने वाले थे कहते हुए भिड़े रोने लगे। उन्होंने कुछ भी अधूरा नहीं छोड़ा। वह खुशमिजाज इंसान थे। वह जैसे ही आते थे, हमसे गुड मॉर्निंग कहने से पहले यह पूछते थे कि टिफिन में क्या लाया है? वह असल जिंदगी में भी फूडी थे। उनकी जगह कोई नहीं ले सकता। वह सही मायने में आजाद हो गए।'

वह सेट पर हर किसी को हंसाते - असित मोदी
शो के प्रड्यूसर असित कुमार मोदी ने कहा --'वह साल 2009 में काफी बीमार पड़े थे, लेकिन उसके बाद वह हेल्दी और खुश रह रहे थे। वह सेट पर सभी को हंसाते और हंसते और उनके मौत की खबर से हम सभी शॉक में हैं। प्रड्यूसर ने बताया -- ' उन्होंने उनके साथ बिताए वक्त को याद करते हुए कहा जो भी वह उन्हें करने के लिए कहते, वह बड़ी स्माइल के साथ करते और कभी किसी चीज को लेकर शिकायत नहीं की।'

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