जेवर हवाई अड्डे पर संकट के बादल

Thu 16-Aug-2018 8:14 am
जमीन के ज्यादा मुआवजे को लेकर किसानों के रवैये के चलते अधिग्रहण का काम अटक गया है।

ग्रेटर नोएडा : जेवर हवाईअड्डे के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। जमीन के ज्यादा मुआवजे को लेकर किसानों के रवैये के चलते अधिग्रहण का काम अटक गया है। इस बीच, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यमुना प्राधिकरण से 15 दिन में जमीन को लेकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। .

यमुना प्राधिकरण के चेयरमैन डॉ. प्रभात कुमार ने बुधवार को छह गांवों के प्रधान और किसानों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि पहले प्रशासन ने 1806 रुपये प्रति वर्ग मीटर का मुआवजा तय किया था। मुख्यमंत्री ने अब 500 रुपये प्रति वर्ग मीटर का मुआवजा और बढ़ा दिया है। हालांकि किसान इस पर भी राजी नहीं हैं।

इस समय इन गांवों को सर्किल रेट लगभग 903 रुपये प्रति वर्ग मीटर है जबकि किसान 3612 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा देने की मांग पर अड़े हुए हैं। .

डॉ. कुमार ने बताया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 15 दिनों के भीतर जमीन अधिग्रहण को लेकर स्थिति साफ करने को कहा है ताकि निर्माण के लिए निविदा निकाली जा सके। अगर यह मुद्दा नहीं सुलझता है तो एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव हरियाणा या मथुरा जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि यदि किसान जमीन नहीं देंगे तो एयरपोर्ट का निर्माण नहीं होगा। .

जमीन मुआवजे को लेकर दो फॉर्मूले

  • अगर किसान सिर्फ पैसा लेना चाहते हैं और इसके अलावा कोई अन्य सुविधा नहीं लेते तो 2500 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा उन्हें कोई और सुविधा नहीं दी जाएगी।
  • किसानों को उनकी जमीन के बदले प्रति वर्ग मीटर 2300 रुपये मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा परिवार के एक सदस्य को नौकरी। जिनका मकान जाएगा, उन्हें नुकसान की भरपाई आदि दी जाएगी।