ग्वालियर के गोलगप्पों की अमेरिका तक हैं मांग

Sun 07-Apr-2019 6:29 pm
सबसे ज्यादा ग्वालियर में प्रतिदिन 1.5 लाख से ज्यादा गोलगप्पों (पानीपूरी) की है खपत...

ग्वालियर: अमेरिका के साथ-साथ पूरी दुनिया प्रसिद्ध हैं ग्वालियर के गोलगप्पे| चटपटा मसाला पानी और उबले हुए आलू-मटर के साथ-साथ आलू और प्याज से भरे गोलगप्पे को देखकर हर किसी के मुँह में पानी आ जाता है।

इन्हें उत्तर भारत में पानी पूरी या गोलगप्पे, पूर्व भारत में पुचका, पश्चिम भारत में गुपचुप इसके अलावा पुचका-पुचकी व पानी के बताशे के नाम से भी जाना जाता है। इन गोलगप्पों में खट्टा-मीठा, तीखा, हींग और लहसुन का पानी भरा जाता है।

महिलाएं जब भी बाजार में खरीददारी के लिए जाती हैं तो गोलगप्पों जरूर खाती (पीती) हैं। ग्वालियर शहर में प्रतिदिन 1.5 लाख से भी ज्यादा गोपगप्पों की खपत है। ग्वालियर के गोलगप्पे अमेरिका तक के लोग यहां से ले जाते हैं और बड़े ही आनंद इन्हें खाते हैं।

शहर में गोलगप्पे बनाकर बेचने का कार्य पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है। रॉक्सी क्षेत्र स्थित रामसिंह के बाग में पांच परिवारों द्वारा पिछली तीन पीढ़ियों से गोलगप्पे बनाकर शहर में बेच रहे हैं। इनके हाथ से बने गोलगप्पों की मांग इतनी अधिक है कि इसे ग्वालियरवासी जो अमेरिका में रहते हैं व जब भी ग्वालियर में आते हैं तो इन लोगों से गोलगप्पे खरीदकर ले जाते हैं।

यह गोलगप्पे इंदौर, जबलपुर और भोपाल भी जाते हैं। मध्य प्रदेश के अलावा आस-पास के राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भी ग्वालियर में बने गोलगप्पों की बहुत मांग है|

ग्वालियर शहर में चाट वालों द्वारा दस रुपए के चार व पांच गोलगप्पे पिलाए जाते हैं। आटे के गोलगप्पे 60 रुपए के 100 और सूजी के गोलगप्पे 80 रुपए के 100 आते हैं। गोलगप्पों को शहर में इतना अधिक पसंद किया जाता है कि हर गली, मौहल्लों, चौराहों व बाजारों में इनके ठेले दिखाई दे जाते हैं।

स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की पसंद थे गोलगप्पे...

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जब भी ग्वालियर आते थे तो वह शिंदे की छावनी, ग्वालियर व्यापार मेला, मुखर्जी भवन एवं महाराज बाड़ा पर गोलगप्पे जरूर खाते थे। वहीं केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर जब भी शहर भ्रमण पर निकलते हैं तो वे भी गोलगप्पे जरूर खाते हैं। श्री तोमर को भी गोलगप्पे बहुत अधिक पसंद हैं।|
आटे और सूजी से बनने वाले गोलगप्पे रिफाइण्ड तेल में बनाए जाते हैं। इनमें हम शुद्ध आटा, मैदा, सूजी और सोड़ा का उपयोग करते हैं। गोलगप्पों की एक्सपायरी डेट अधिकतम दस से पन्द्रह दिन की होती है। इन्हें किसी भी डिब्बे आदि में बंद करके रख सकते हैं या कहीं भी भेज सकते हैं।

खट्टे-मीठे गोलगप्पे सबसे अधिक हैं लोकप्रिय...

गोलगप्पों को और भी मजेदार बनाने के लिए इसमें आलू, प्याज, मिर्ची, मटर से बने हुए चोखे को आधा भरकर इमली के पानी से पूरा भरा जाता है। इसके अलावा अलग तरीकों के गोलगप्पे जिसमें सौंठ की चटनी, मीठी चटनी, मीठी गुलाब पानी और दही के साथ भर कर भी बनाया जाता है।

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