हबीबगंज तक विस्तार होने के बाद शताब्दी को नहीं मिल रहे यात्री

Fri 11-Oct-2019 10:17 am
Images Courtesy: bhaskar.com
ग्वालियर, झाँसी और आगरा यात्रियों की गतिमान एक्सप्रेस है पहली पसंद…

नई दिल्ली: भारतीय रेल में जब पहली वीआईपी शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ था, उसमें एक ट्रेन (गाड़ी संख्या 2001/2002) दिल्ली से झांसी के मध्य शताब्दी एक्सप्रेस (नया नम्बर 12001/12002) भी चलाई गई थी। उस समय यह ट्रेन दिल्ली के बाद आगरा व ग्वालियर में ही रुकती थी। बाद में इसका विस्तार भोपाल स्टेशन तक कर दिया गया और धीरे-धीरे सांसदों की मांग के कारण छोटे-छोटे स्टेशनों पर इसका हाल्ट दे दिया गया।

मगर जबसे इस ट्रेन को हबीबगंज तक किया गया है, तब से इस ट्रैन का महत्त्व कम होता जा रहा है और खासतौर पर शर्दियों में ग्वालियर, झाँसी और आगरा यात्रियों की गतिमान एक्सप्रेस है पहली पसंद वहीँ भोपाल के यात्री शताब्दी से ज्यादा 12155/12156 शान ए भोपाल सुपरफास्ट एक्सप्रेस को ज्यादा पसंद करते हैं।

इसका मुख्य कारण ट्रेन का समय पालन बिगड़ना है। चूंकि इस ट्रेन में अधिकांश विदेशी और वीआईपी लोग ही यात्रा करते हैं, जिनके के समय का बहुत ज्यादा महत्त्व होत्ता है। समय पालन बिगड़ने से टूरिस्ट एजेंसियां अब इस ट्रेन से विदेशी पर्यटकों को आगरा से ग्वालियर और झांसी लाना कम करती जा रही हैं। वह शताब्दी एक्सप्रेस की जगह गतिमान एक्सप्रेस को ज्यादा आरामदायक मान रहे हैं। इससे गतिमान एक्सप्रेस में विदेशी पर्यटकों के आने की संख्या बढ़ती जा रही हैं।

ग्वालियर और झाँसी से शताब्दी एक्सप्रेस द्वारा आगरा जाने वाले पर्यटक रात सवा नौ बजे के बाद ही पहंच पाते हैं। होटल पहुंचने तक दस और डिनर लेने तक ग्यारह बज जाते हैं, जबकि 12049/12050 गतिमान एक्सप्रेस में झांसी से दोपहर 3:05 बजे और ग्वालियर से 4:05 बजे रवाना होकर शाम 5:45 बजे आगरा पहुंच जाते हैं। दूसरी तरफ शताब्दी दिल्ली मध्य रात्रि पहुँचती है जब तक दिल्ली में मेट्रो सर्विस भी बंद हो जाती है वहीँ गतिमान साढ़े सात बजे पहुँच जाती है

वहीं 12002 नई दिल्ली से सुबह छह बजे, इस कारण एनसीआर (ग़ाज़ियाबाद, नॉएडा) के लोगों इतनी सुबह पहुंचने में परेशानी होती है जब तक कोई विकल्प नहीं था तब तो स्टेशन पहुँचते थे लेकिन गतिमान एक्सप्रेस चलने के बाद दिल्ली से आगरा, ग्वालियर और झाँसी के यात्री/पर्यटक गतिमान को ज्यादा पसंद करते हैं।

अक्टूबर में मौसम ठंडा होते ही आगरा, ग्वालियर व झांसी के ऐतिहासिक स्थलों को देखने के लिए विदेशी मेहमानों का आवागमन शुरू हो गया है। यह सिलसिला अप्रैल तक रहेगा। हर साल अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, जापान, कोरिया, कनाडा, ब्रिटिश, फ्रेंच, ताइवान, ब्राजील इटली, स्पेनिश, अर्जेन्टीना आदि देशों के हज़ारों पर्यटक आते हैं।

ख़त्म हो सकता है ललितपुर और मुरैना का ठहराव…

रेलवे शताब्दी एक्सप्रेस की गति बढ़ाने पर विचार कर रहा है इस कारण रेलवे मध्यप्रदेश के मुरैना और उत्तरप्रदेश के ललितपुर स्टेशन का हाल्ट ख़त्म करने पर विचार कर रहा है। अभी शताब्दी एक्सप्रेस दोनों तरफ से आठ स्टेशनों पर रूकती है।

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